Thursday 28 June 2012

रुला के गया सपना मेरा



रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

वही है गम-ए-दिल
वही है चन्दा तारे
वही हम बेसहारे
आधी रात वही है
और हर बात वही है
फिर भी ना आया लूटेरा
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

कैसी ये ज़िंदगी
कि साँसों से हम ऊबे
कि दिल डूबा हम डूबे
इक दुखिया बिचारी
इस जीवन से हारी
उस पर ये गम का अँधेरा
रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

रुला के गया सपना मेरा
बैठी हूँ कब हो सवेरा
रुला के गया सपना मेरा

1 comment:

  1. वाह.... बहुत खूब !! मेंरे लगभग सभी प्रिय गीत एक ही स्थान पर !! अच्छा काम कर रहे हैं, keep it up ! ढेरों शुभकामनाएँ... :-)

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