तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
.......
वो बहारें वो चांदनी रातें
हमने कीं थीं जो प्यार की बातें
उन नजारों की याद आएगी
जब ख्यालों में मुझको लाओगे
तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
.......
मेरे हाथों में तेरा चेहरा था...
जैसे कोई गुलाब होता है
और सहारा लिया था बाहों का ...
वो शमा किस तरह भुलाओगे ..
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
....
मुझको देखे बिना करार न था
एक ऐसा भी दौर गुजरा है
झूठ मानो तो पूछ लो दिल से
मैं कहूँगा तो रूठ जाओगे...
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
.......
तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
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