धीरे धीरे मचल ए
दिल-ए-बेकरार कोई आता है
यूँ तड़प के न तड़पा मुझे
बार बार ...कोई आता है...
......
उसके दामन की खुशबु हवाओं में है ....
उसके क़दमो की आहट फिजाओं में है ...
मुझको करने दे करने दे सोला सिंगार ...कोई आता है ....
....
मुझको छूने लगी उसकी परछाईयाँ...
दिल के नजदीक बजती हैं शहनाइयाँ ...
मेरे सपनों के आँगन में गाता है प्यार ...कोई आता है...
........
रूठ के पहले जी भर सताऊंगी मैं ....
जब मनाएंगे वो मान जाऊंगी मैं ....
दिल पे रहता हिया इअसे कब इख्तियार ...कोई आता है
......
उसके दामन की खुशबु हवाओं में है ....
उसके क़दमो की आहट फिजाओं में है ...
मुझको करने दे करने दे सोला सिंगार ...कोई आता है ....
....
मुझको छूने लगी उसकी परछाईयाँ...
दिल के नजदीक बजती हैं शहनाइयाँ ...
मेरे सपनों के आँगन में गाता है प्यार ...कोई आता है...
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रूठ के पहले जी भर सताऊंगी मैं ....
जब मनाएंगे वो मान जाऊंगी मैं ....
दिल पे रहता हिया इअसे कब इख्तियार ...कोई आता है
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धीरे धीरे मचल ए
दिल-ए-बेकरार कोई आता है
यूँ तड़प के न तड़पा मुझे
बार बार ...कोई आता है...
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