कुछ दिल ने कहा
कुछ भी नहीं
कुछ दिल ने सुना
कुछ भी नहीं
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा
कुछ भी नहीं
लेता है दिल अंगडाइयां
इस दिल को समझाए कोई
अरमां ना आँखें खोल दे
रुसवा ना हो जाये कोई
सपनो की परियां सोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा
कुछ भी नहीं
दिल की तसल्ली के लिए
झूठी चमक झूठा निखार
जीवन तो सूना ही रहा
सब समझे आई है बहार
कलियों से कोई पूछता
हंसती हैं या वो रोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा
कुछ भी नहीं
कुछ दिल ने कहा
कुछ भी नहीं
कुछ दिल ने सुना
कुछ भी नहीं
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा
कुछ भी नहीं
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Thursday 28 June 2012
कुछ दिल ने कहा
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