Wednesday 27 June 2012

सोच के ये गगन झूमे



सोच के ये गगन झूमे ....
अभी चाँद निकल आएगा....
झिलमिल चमकेंगे तारे ....
.......
चाँद जब निकल आएगा ...
देखेगा ना कोई गगन को ...
चाँद को ही देखेंगे सारे ...
.......
फूल जो खिले ना तो कैसे बागों में आये बहार ...
दीप ना जले तो सांवरिया कैसे मिटे अन्धकार ..
रात देखो कितनी है काली...
अभी चाँद निकल आएगा....
झिलमिल चमकेंगे तारे .... 
.........
चांदनी से भी तुम हसीं हो नजदीक आओ ज़रा ....
चाँद के निकलने तलक तो तुम जगमगाओ ज़रा ....
रात देखो कितनी है काली...
अभी चाँद निकल आएगा....
झिलमिल चमकेंगे तारे .... 
.........
सोच के ये गगन झूमे ....
अभी चाँद निकल आएगा....
झिलमिल चमकेंगे तारे ....

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