Wednesday 27 June 2012

जीवन से भरी तेरी आँखें



जीवन से भरी तेरी आँखें 
मजबूर करे जीने के लिए 
सागर भी तरसते रहते हैं 
तेरे रूप का रस पीने के लिए 
......
तस्वीर बनाये क्या कोई ...
क्या कोई लिखे तुझपे कविता...
रंगों छंदों में समाएगी 
किस तरह से इतनी सुन्दरता 
इक धड़कन है तू दिल के लिए 
इक जान है तू जीने के लिए
............
मधुबन की सुगंध हैं साँसों में 
बाहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे 
हिरणों सी है तुझमें चंचलता
आँचल का तेरे है तार बहुत 
कोई चाक जिगर सीने के लिए .... 
......
जीवन से भरी तेरी आँखें 
मजबूर करे जीने के लिए 
सागर भी तरसते रहते हैं 
तेरे रूप का रस पीने के लिए 

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