कैसे समझाऊँ बड़ी नासमझ हो ....
जीतोगी ना हमसे तुम रहने दो ये बाजी ....
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कैसे समझाऊँ बड़े नासमझ हो ....
आये गए तुम जैसे सैकड़ों अनाड़ी...
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हम दिल का साज बजाते हैं...
दुनिया के होश उड़ाते हैं ...
हम सात सुरों के सागर है....
हर महफ़िल में लहराते हैं ...
कैसे समझाऊँ बड़ी नासमझ हो ....
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तुम साज बजाना क्या जानो ...
तुम रंग जमाना क्या जानो ...
महफ़िल तो हमारे दम से है ...
तुम होश उड़ाना क्या जानो ...
कैसे समझाऊँ बड़े नासमझ हो ....
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मैं नाचूं चाँद सितारों पर ...
शोलों पर और शरारों पर ...
हम ऐसे कला के दीवाने....
छा जाएँ नशीली बहारों पर ....
कैसे समझाऊँ बड़ी नासमझ हो ....
THE BEST SONGS EVER!!! TOO GOOD!!
ReplyDeletebeautiful song
ReplyDeleteThanks Naaz! Kahan ho tum? Koi khabar nahi? Nice to see your comments.
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