Wednesday 27 June 2012

दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई



दुनिया बनाने वाले ...
क्या तेरे मन में समाई ...
काहे को दुनिया बनाई तुने ...
काहे को दुनिया बनाई .... 
.......
काहे बनाये तुने माटी के पुतले ...
धरती ये प्यारी प्यारी ...
मुखड़े ये उजले ...
काहे बनाया तुने दुनिया का खेला ...
जिसमें लगाया जवानी का मेला ...
गुपचुप तमाशा देखे ..
वाह रे तेरी खुदाई ....
काहे को दुनिया बनाई तुने ..
काहे को दुनिया बनाई ....
.......
तू भी तडपा होगा मन को बना कर 
तूफां ये प्यार का मन में छुपाकर  
कोई छवि तो होगी आँखों में तेरी 
आंसू भी छलके होंगे पलकों से तेरी 
बोल क्या सूझी तुझको ..
काहे को प्रीत जगाई ...
काहे को दुनिया बनाई तुने ..
काहे को दुनिया बनाई ....
......
प्रीत बना के तुने जीना सिखाया ...
हँसना सिखाया रोना सिखाया ...
जीवन के पथ पर मीत मिलाये ....
मीत मिलाके तुने सपने जगाये ....
सपने जगा के तुने काहे को दे दी जुदाई .....
काहे को दुनिया बनाई तुने ..
काहे को दुनिया बनाई ....
....
दुनिया बनाने वाले ...
क्या तेरे मन में समाई ...
काहे को दुनिया बनाई तुने ...
काहे को दुनिया बनाई .... 

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