Wednesday 27 June 2012

जाना था हमसे दूर बहाने लिए




जाना था हमसे दूर बहाने लिए ...
अब तुमने कितनी दूर ठिकाने बना लिए ...
.......
रुखसत के वक़्त तुमने जो आंसू हमें दिए
उन आंसूओं से हमने फ़साने बना लिए ...
अब तुमने कितनी दूर ठिकाने बना लिए ...
.........
दिल को मिले दाग़ ज़िगर को मिले जो दर्द ..
इन दौलतों से हमने खजाने बना लिए ...
अब तुमने कितनी दूर ठिकाने बना लिए ...
.........
जाना था हमसे दूर बहाने लिए ...
अब तुमने कितनी दूर ठिकाने बना लिए ...

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