Wednesday 27 June 2012

बेताब दिल की तमन्ना यही है



बेताब दिल की तमन्ना यही है
तुम्हे चाहेंगे तुम्हे पूजेंगे
तुम्हे अपना खुदा बनायेंगे

सूने सूने ख़्वाबों में जब तक तुम ना आये थे
खुशियाँ थी सब औरों कि गम भी सरे पराये थे
अपने से भी छुपाई थी धडकन अपने सीने की
हमको जीना पड़ता था ख्वाहिश कब थी जीने की
अब जो आ के तुमने हमें जीना सिखा दिया है
चलो दुनिया नयी बसाएंगे

भीगे भीगे पलकों पर सपने कितने सजाये थे
दिल में जितना अँधेरा था उतने उजाले आये हैं
तुम भी हमको जगाना ना बाहों में जो सो जाएँ
जैसे खुशबू फूलों में तुम में यूँ ही खो जाएँ
पल भर किसी जनम में कभी छूटे ना साथ अपना
तुम्हे ऐसे गले लगाएंगे

वादे भी हैं कसमे भी बीता वक्त इशारों का
कैसे कैसे अरमान हैं मेला जैसे बहारों का
सारा गुलशन दे डाला कलियाँ और खिलाओ ना
हँसते हँसते रो दे हम इतना भी तो हँसाओ ना
दिल में तुम्ही बसे हो रहा आँचल वो भर चुका है
कहाँ इतनी खुशी छुपाएंगे

बेताब दिल की तमन्ना यही है
तुम्हे चाहेंगे तुम्हे पूजेंगे
तुम्हे अपना खुदा बनायेंगे 

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