Wednesday 27 June 2012

वो जब याद आये बहुत याद आये



वो जब याद आये बहुत याद आये
गम--ज़िन्दगी के अँधेरे में हमने 
चिराग--मोहब्बत जलाए बुझाए
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आहटें जाग उठीं रास्ते हंस दिए 
थाम कर दिल उठे हम किसी के लिए
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ है 
चले रहे हैं वो नज़रें झुकाए 
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दिल सुलगने लगा अश्क बहने लगे 
जाने क्या क्या हमें लोग कहने लगे 
मगर  रोते रोते हंसी गयी है 
ख्यालों में आकर वो जब मुस्कुराए  
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वो जुदा क्या हुए ज़िन्दगी खो गयी 
शम्मा जलती रही रौशनी खो गयी
बहुत कोशिशें की मगर दिल बहला 
कई साज़ छेड़े कई गीत गाये 
........
वो जब याद आये बहुत याद आये
गम--ज़िन्दगी के अँधेरे में हमने 
चिराग--मोहब्बत जलाए बुझाए

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