वो जब याद आये बहुत याद आये
गम-ए-ज़िन्दगी के अँधेरे में हमने
चिराग-ए-मोहब्बत जलाए बुझाए
........
आहटें जाग उठीं रास्ते हंस दिए
थाम कर दिल उठे हम किसी के लिए
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ है
चले आ रहे हैं वो नज़रें झुकाए
.....
दिल सुलगने लगा अश्क बहने लगे
जाने क्या क्या हमें लोग कहने लगे
मगर रोते रोते हंसी आ गयी है
ख्यालों में आकर वो जब मुस्कुराए
........
वो जुदा क्या हुए ज़िन्दगी खो गयी
शम्मा जलती रही रौशनी खो गयी
बहुत कोशिशें की मगर दिल न बहला
कई साज़ छेड़े कई गीत गाये
........
वो जब याद आये बहुत याद आये
गम-ए-ज़िन्दगी के अँधेरे में हमने
चिराग-ए-मोहब्बत जलाए बुझाए
No comments:
Post a Comment