Thursday 28 June 2012

सुनो सजना पपीहे ने



सुनो सजना पपीहे ने
सुनो सजना पपीहे ने
कहा सबसे पुकार के
संभल जाओ चमन वालों
कि आये दिन बहार के
सुनो सजना सुनो सजना

फूलों की डालियाँ भी यही गीत गा रही हैं
घड़ियाँ पिया मिलन की नज़दीक आ रही हैं
हवाओं ने जो छेड़ें हैं फ़साने हैं वो प्यार के
संभल जाओ चमन वालों
कि आये दिन बहार के
सुनो सजना सुनो सजना

देखो ना ऐसे देखो मर्ज़ी है क्या तुम्हारी
बेचैन कर ना देना तुमको कसम हमारी
हमीं दुश्मन ना बन जाएँ कहीं अपने करार की
संभल जाओ चमन वालों
कि आये दिन बहार के
सुनो सजना सुनो सजना

बागों में पड़ गए हैं सावन के मस्त झूले
ऐसा शमा जो देखा राही भी राह भूले
कि जी चाहा यहीं रख दें उमर सारी गुज़ार के
संभल जाओ चमन वालों
कि आये दिन बहार के
सुनो सजना सुनो सजना

सुनो सजना पपीहे ने
सुनो सजना पपीहे ने
कहा सबसे पुकार के
संभल जाओ चमन वालों
कि आये दिन बहार के
सुनो सजना सुनो सजना


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