ख़ुदा भी आसमां से जब ज़मीं पर देखता होगा ...
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा ....
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मुस्सविर खुद परेशां है के ये तस्वीर किसकी है ....
मुस्सविर खुद परेशां है के ये तस्वीर किसकी है ....
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तकदीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा कभी खुश हो रहा होगा ....
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ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों ने लपेटा है ...
हुआ तुमसा कोई पहले ना कोई दूसरा होगा .....
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फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घुमते होंगे..... ...
जहाँ रखती हो तुम पांव जगह वो चूमते होंगे ..
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किसी के दिल पे क्या गुजरी ये वो ही जानता होगा ....
किसी के दिल पे क्या गुजरी ये वो ही जानता होगा ....
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ख़ुदा भी आसमां से जब ज़मीं पर देखता होगा ...
ख़ुदा भी आसमां से जब ज़मीं पर देखता होगा ...
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा ....
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