Thursday 28 June 2012

आज पुरानी राहों से



आज पुरानी राहों से
कोई मुझे आवाज़ ना दे
दर्द में डूबे गीत ना दे
गम का सिसकता साज़ ना दे

बीते दिनों जिनकी याद थी जिनमें
मैं वो तराने भूल चुका
आज नयी मंजिल है मेरी
कल के ठिकाने भूल चुका
ना वो दिल ना सनम
ना वो दीन धरम  
अब दूर सारे गुनाहों से
आज पुरानी राहों से
कोई मुझे आवाज़ ना दे

टूट चुके सब प्यार के बंधन
आज कोई जंजीर नहीं
शीश-ए-दिल में अरमानों की
आज कोई तस्वीर नहीं  
अब शाद हूँ मैं आज़ाद हूँ मैं
कुछ काम नहीं है आहों से
आज पुरानी राहों से
कोई मुझे आवाज़ ना दे

जीवन बदला दुनिया बदली
मन को अनोखा ज्ञान मिला
आज मुझे अपने ही दिल में
एक नया इंसान मिला
पहुंचा हूँ वहाँ नहीं दूर जहाँ
भगवन भी मेरे निगाहों से
आज पुरानी राहों से
कोई मुझे आवाज़ ना दे

आज पुरानी राहों से
कोई मुझे आवाज़ ना दे
दर्द में डूबे गीत ना दे
गम का सिसकता साज़ ना दे

No comments:

Post a Comment