एक तू ना मिला ...
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ...
मेरा दिल न खिला....
सारी बगिया खिले भी तो क्या है ....
.....
धरती हूँ मैं और तू है गगन ...
होगा कहाँ तेरा मेरा मिलन ....
लाख पहरे यहाँ प्यार दिल में पले भी तो क्या है ...
एक तू ना मिला ...
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ...
.....
तकदीर की मैं कोई भूल हूँ ...
डाली से बिछड़ा हुआ फूल हूँ
साथ तेरा नहीं संग दुनिया चले भी तो क्या है ....
एक तू ना मिला ...
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ...
....
तुझसे लिपट कर जो रो लेते हम ...
आंसू नहीं थे ये मोती से कम ...
तेरा दामन नहीं ये आंसू ढले भी तो क्या है ....
एक तू ना मिला ...
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ...
.......
एक तू ना मिला ...
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है ...
मेरा दिल न खिला....
सारी बगिया खिले भी तो क्या है ....
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